ambala today news ग्रामीण पृष्ठ भूमि में स्थित राजकीय महाविद्यालय नारायणगढ़ अपने प्रारम्भ काल से ही विद्यार्थीयों में जगा रहा है शिक्षा की अलख

अंबाला कवरेज@ अंबाला/नारायणगढ़।  ग्रामीण पृष्ठ भूमि में स्थित राजकीय महाविद्यालय नारायणगढ़ अपने प्रारम्भ काल से ही यहां के विद्यार्थीयों में शिक्षा की अलख जगा रहा है। वर्तमान समय में इस कॉलेज में दो हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है और उनमें भी छात्राओं की संख्या अधिक है। इस महाविद्यालय में छात्राओं की संख्या अधिक होना स्वयं यह साफ करता है कि यहां पर पढने वाले विद्यार्थीयों को बेहत्तरीन शिक्षा दी जा रही है। कॉलेज के प्रिंसीपल संजीव कुमार बताते है कि प्रारम्भ से ही कॉलेज प्रबंधन का गुणवत्ता के प्रति वचनबद्वता का भाव रहा है। कॉलेज का मिशन विद्यार्थीयों को पारंपरिक और आधुनिक मूल्यों के साथ प्रशिक्षित करना और उन्हें राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्टता के लिए तैयार करना है। वे कहते है कि हम उच्च शिक्षा में जवाबदेही, मौलिकता, आत्म-मूल्याकन, आविष्कारशीलता और मूल्य निर्माण को प्रोत्साहित करते है। कॉलेज शैक्षिक प्रणाली में लगातार असमानताओं को खत्म करने पर जोर देता है और महिला सशक्तिकरण, समाज के वंचित और हाशिए के लोगों, शारीरिक रूप से स्पैशल विद्यार्थीयों (दिव्यांग) और अल्पसंख्यक से संबंधित लोगों तक शिक्षा तक पहुंच जैसे मिशन का गर्व से नेतृत्व करता है। हम ऐसे विद्यार्थीयों को तैयार करते हैं, जो अच्छी तरह से सामाजिक रूप से चिंतित और सांस्कृतिक रूप से निपुण हों। हम सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील वातावरण बनाए रखते हैं, जो विविधता के सम्मान के मूल्यों को कायम रखता है। हम, एक संस्था के रूप में महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों पर जोर देते हैं, जिसके लिए समय-समय पर वृक्षारोपण एवं जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि 19 एकड़ में फैले इस महाविद्यालय के निर्माण की आधारशिला 17 अगस्त 1981 को तत्त्कालीन गर्वनर महामहिम श्री गणपत राव देवजी तपासे द्वारा रखी गई थी। इस वर्ष कॉलेज ने शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी उत्कृष्ठता के 39 वर्ष पूरे कर लिए हैं। प्रारम्भ में कॉलेज की शुरूआत दो संकायों कला और वाणिज्य के साथ हुई थी।  1992-93 सत्र के दौरान संस्थान में विज्ञान संकाय को जोड़ा गया जो विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की भावना जागृत करता है। संस्था ने अपनी यात्रा केवल कुछ छात्रों के साथ शुरू की, जो सत्र 2020-21 में  2246  हो गई है, जिनमें 1320 लड़कियां तथा 926 लडक़े है। अब कॉलेज ने बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाले आउटपुट के साथ एक प्रसिद्व संस्थान का मुकाम हासिल कर लिया है। मंत्रमुगध कर देने वाली शिवालिक की पहाडिय़ों की तलहटी में स्थित कॉलेज के हरे-भरे लॉन प्रवेश करते ही स्वागत करते हैं। इसमें शांत सफेद रंग में नहाए गए कला, विज्ञान और वाणिज्य के लिए अलग-अलग ब्लॉक हैं। विज्ञान संकाय में (नॉन मेडिकल व कम्पयूटर साईंस है।) कॉलेज परिसर इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ-साथ, छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए तनाव मुक्त काम करने के लिए सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाओं से लैस है। 19 एकड़ में फैले इस संस्थान में सभी सुविधाओं से युक्त सभागार, एक कैंटीन, पार्किग सुविधा और शिक्षण के साथ-साथ गैर शिक्षण कर्मचारियों के लिए आवास शामिल है। विद्यार्थीयों और संकाय सदस्यों को सभी नवीनतम घटनाओं से अवगत कराने के लिए व्यापक पुस्तकालय है, जिसमें विद्यार्थीयों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न प्रकार की पत्र-पत्रिकाएं आती है। ambala today news ग्रामीण पृष्ठ भूमि में स्थित राजकीय महाविद्यालय नारायणगढ़ अपने प्रारम्भ काल से ही विद्यार्थीयों में जगा रहा है शिक्षा की अलख

एक पूरी तरह से स्वचालित भाषा प्रयोगशाला, जिसमें विडियों और ऑडियो रिकॉडिग और आमने सामने बातचीत जैसी सुविधाएं हैं, आज की आधुनिक तकनीकी उन्नत दुनिया में विद्यार्थीयों को तैयार करती हैं। कॉलेज में विज्ञान खंड में आधुनिक प्रयोगशालाएं हैं, जो नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित हैं, जो विद्यार्थीयों को अपने अनुशासन की बेहतर समझ रखने में मदद करती है। विभिन्र खेल आयोजनों के लिए विद्यार्थीयों को प्रशिक्षित करने में मदद करने के लिए कॉलेज में एक व्यायामशाला हॉल भी है। महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना एवं यूथ रेड क्रॉस ईकाई महाविद्यालय परिसर में स्वच्छता एवं वृक्षारोपण द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत मिशन को पूर्ण करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। क्या कहते है कॉलेज प्राचार्य संजीव कुमार- इस कॉलेज के प्रभारी के रूप में विद्यार्थीयों के सीखने की यात्रा को और अधिक मूल्यवान बनाने में आने वाली समस्याओं का समाधान करने हेतु मैं दृढ़ संकल्पित हूंॅ। मुझे कॉलेज परिवार का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है, जो हमारी सफलता के मानकों को बढ़ाने के मेरे प्रयासों में मेरी सहायता करता है। मेरा निरंतर प्रयास है कि महाविद्यालय के भीतर परस्पर सम्मान का वातावरण विकसित हो। वर्षो से राजकीय महाविद्यालय, नारायणगढ़ ने उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए स्वयं को सफलतापूर्वक संचालित किया है। कॉलेज के विद्यार्थीयों में एकीकृत शिक्षा के तीन पहलुओं-शारीरिक, बौद्विक और नैतिक मूल्य शिक्षा को विकसित करने का प्रयास करते है। संकाय सदस्यों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और लगनशील टीम संस्था की रीढ़ है। मैं आने वाले विद्यार्थीयों का स्वागत करता हूं और उन्हें हमारे साथ बौद्विक रूप से स्फूर्तिदायक यात्रा पर चलने के लिए आमंत्रित करता हूं।

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