फरीदाबाद- शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, हरियाणा की एक दिवसीय ऑनलाइन शैक्षिक कार्यशाला 18 अक्टूबर 2020 को श्रद्धा मंदिर विद्यालय, फरीदाबाद के तत्वावधान में श्री जगराम जी, उत्तर भारतीय संयोजक, के कुशल मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास माननीय श्री अतुल कोठारी जी, राष्ट्रीय संयोजक के मार्गदर्शन में पूरे भारतवर्ष में अनेकों कार्यक्रम करती रहती है। इसी कड़ी में न्यास की हरियाणा प्रांत शाखा ने इस शैक्षिक गोष्ठी का आयोजन किया था। इस अवसर पर श्री विजय कुमार जी, प्रांत प्रचारक का उद्बोधन प्रेरणादायक, ज्ञानवर्धक, सारगर्भित तथा नवीन ऊर्जा देने वाला था। उन्होंने बताया के नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मे भारतीय संस्कृति की झलक मिलती है तथा यह एक ऐसी शिक्षा नीति है जिसमें भारत की आत्मा का निवास है।
डॉ राजकुमार मित्तल, कुलगुरू, चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी ने आत्मनिर्भर भारत पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों में विभिन्न कौशलों का विकास होगा जिससे हमारे विद्यार्थी आत्मनिर्भर बनेंगे। डॉ सुषमा यादव, कुलगुरू, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, सोनीपत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सभी विषयों को इस शिक्षा नीति के द्वारा पुष्पित पल्लवित होने का तथा पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा। श्री सुरेश गुप्ता, अध्यक्ष, विद्या भारती मध्य क्षेत्र ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति से यह आंदोलन आरंभ हुआ और आज देश के लगभग हर भाग में, हर प्रांत में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की शाखा बड़े सुचारू रूप से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। ambala today news नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मे भारतीय संस्कृति की झलक मिलती है तथा यह एक ऐसी शिक्षा नीति है जिसमें भारत की आत्मा का निवास
श्री देशराज शर्मा जी, संयोजक, चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास, उत्तर भारत क्षेत्र ने इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए तथा हरियाणा प्रदेश की प्रांत टोली, विषय प्रमुखों तथा प्रतिमान केंद्र प्रमुखों की घोषणा की। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास से संबंधित अनेक विषयों जैसे नैतिक शिक्षा, शिक्षक शिक्षा, चरित्र निर्माण, पर्यावरण शिक्षा, मातृभाषा में शिक्षा, भारतीय भाषा मंच, भारतीय भाषा अभियान, प्रबंधन शिक्षा में भारतीय दृष्टि, तकनीकी शिक्षा, शिक्षा की स्वायत्तता, प्रतियोगी परीक्षा, शोध प्रकल्प, इतिहास शिक्षक भारतीय दृष्टि, वैदिक गणित इत्यादि विषयों पर शिक्षाविदों ने अपने विचार प्रस्तुत किए और आगामी कार्य योजना के बारे में बताया। अनेक शिक्षक संस्थाओं में नवाचार के कार्य चल रहे हैं। उन संस्थाओं के द्वारा सभी को अपने कार्यों के बारे में अवगत करवाया गया।
इससे पूर्व डॉ गजराज सिंह आर्य, निदेशक, श्रद्धा मंदिर विद्यालय, फरीदाबाद ने सबका स्वागत किया। श्री राकेश भाटिया, वैदिक गणित विशेषज्ञ ने सभी अतिथियों का परिचय करवाया और डॉ आलोक दीप, संयोजिका, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, हरियाणा प्रांत ने कार्यशाला की प्रस्तावना रखी। डॉ संजीव शर्मा, पुस्तकालय विज्ञान विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने कुशलतापूर्वक मंच संचालन किया। श्री जय भगवान शर्मा, अधिवक्ता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। अंत में कल्याण मंत्र के द्वारा प्रांतीय शैक्षिक गोष्ठी का सफलतापूर्वक समापन हुआ। ambala today news नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मे भारतीय संस्कृति की झलक मिलती है तथा यह एक ऐसी शिक्षा नीति है जिसमें भारत की आत्मा का निवास