चण्डीगढ़- हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों, अध्यापक वर्ग तथा बच्चों के अभिभावकों से आह्वान किया है कि वे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के क्रियान्वयन को एक यज्ञ समझकर आहुति डालें। नई शिक्षा नीति को 21वीं सदी के अनुरूप बच्चों के बेहतर भविष्य के साथ जोडक़र तैयार किया गया है। शिक्षा मंत्री ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति को लागू करने में हरियाणा ने देश में सबसे पहले पहल की है। नीति में प्री-स्कूल शिक्षा, प्ले-वे स्कूल अवधारणा की बात कही गई है, राज्य में पहले ही 4000 प्ले-वे स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है तथा 1135 ऐसे स्कूलों पर काम आरम्भ किया जा चुका है। इसी प्रकार, अंग्रेजी माध्यम के 112 नये संस्कृति मॉडल स्कूल भी खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की सोच है कि धन के अभाव में किसी छात्र की प्रतिभा दबी न रहे, इसके लिए सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को नीट, जेईई जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी व कोचिंग के लिए सुपर-100 कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। आरम्भ में पंचकूला व रेवाड़ी में इसके दो केन्द्र खोले गये, जिसके परिणाम बेहद उत्सावर्धक रहे। पहले ही प्रयास में 25 छात्रों का चयन आईआईटी तथा 72 विद्यार्थियों का नीट में चयन हुआ। ambala today news शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने क्यों कहा कि नई शिक्षा नीति को 21वीं सदी के अनुरूप बच्चों के बेहतर भविष्य के साथ जोड़कर तैयार किया गया
शिक्षा मंत्री ने कहा विद्यार्थियों के इस रुझान को देखते हुए दो और ऐसे कोचिंग केन्द्र खोलने पर विचार किया जा रहा है, जिनमें एक मध्य हरियाणा व दूसरा पश्चिम हरियाणा में होगा, जिनकी घोषणा मुख्यमंत्री ने कल सरकार का एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य पर आयोजित एक कार्यक्रम में की है। उन्होंने बताया कि बच्चों की भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक समस्या को देखते हुए टेली काउंसलिंग के लिए 16 ‘उम्मीद केन्द्र’ खोले गये हैं। अब तक दो लाख से अधिक विद्यार्थियों व अभिभावकों को परामर्श दिया गया तथा लगभग 1700 बच्चों व अभिभावकों की काउंसलिंग की गई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में आईटी के माध्यम से अध्यापन कार्य हो, इसे देखते हुए विभाग ने एजुसेट के चार चैनलों को नि:शुल्क कर दिया है। ambala today news शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने क्यों कहा कि नई शिक्षा नीति को 21वीं सदी के अनुरूप बच्चों के बेहतर भविष्य के साथ जोड़कर तैयार किया गया