नई दिल्ली (अंबाला कवरेज)। शायद आपको यह खबर मजाक लगे, लेकिन यह पूरी तरह सच है। रेलवे की सबसे अहम ट्रेन राजधानी एक्सप्रैस केवल एक युवती के लिए चली राजधानी एक्सप्रैस छोड़ने के लिए 535 किलोरमीटर का सफर तय करती है। अब आप सब के दिल में सवाल होगा कि आखिर यह वीआईपी युवती थी कौन, जिसके लिए इतिहास बदल दिया गया। हुआ यू कि रांचीटाना भगतों के आंदोलन के कारण डाल्टनगंज में रूकी और आगे आंदोलन के कारण 930 सवारियों वाली इस ट्रेन को आगे के लिए कैंसिल कर दिया गया। लेकिन ट्रेन में सवार एक युवती नहीं मानी ओर बार बार इसी ट्रेन से राची जाने की बात करती रही। टाना भगतों के आंदोलन से डालटनगंज स्टेशन पर फंसी राजधानी एक्सप्रेस में सवार अनन्या ने यह जिद पकड़ ली तो रेलवे अधिकारी भी परेशान हो गए। क्या करें, उन्हें समझ में नहीं आ रहा था। अंत में जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ा। राजधानी एक्सप्रेस शाम करीब चार बजे डालटनगंज से वापस गया ले जाकर गोमो और बोकारो होते हुए रांची के लिए रवाना करनी पड़ी। रात करीब 1.45 बजे ट्रेन रांची रेलवे स्टेशन पहुंची।
ट्रेन में अनन्या इकलौती सवारी थी। 930 यात्रियों में 929 को रेलवे डालटनगंज से बसों से गंतव्य की ओर पहले ही रवाना कर चुकी थी। संभवत: रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सवारी को छोड़ने के लिए राजधानी एक्सप्रेस ने 535 किलोमीटर की दूरी तय की। डालटनगंज रेलवे स्टेशन के प्रबंधक अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि वह मुगलसराय से रांची के लिए नई दिल्ली रांची स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस में सवार हुई थी। अनन्या ट्रेन की बी-3 कोच में सवार थी। 51 नंबर सीट पर बैठी थी। अनन्या रांची के एचइसी कालोनी की रहने वाली हैं। वह बीएचयू में एलएलबी की पढ़ाई करती हैं। ट्रेन को डालटनगंज से सीधे रांची आना था। डालटनगंज से रांची की दूरी 308 किलोमीटर है। मगर, ट्रेन को गया से गोमो व बोकारो होकर रांची रवाना करना पड़ा। इस तरह ट्रेन को 535 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी। अनन्या की सुरक्षा के लिए आरपीएफ की कई महिला सिपाही तैनात की गई थीं। रेलवे के एक वरीय अधिकारी के अनुसार, 25 वर्ष से वह रेलवे में कार्यरत हैं, लेकिन याद नहीं कि एक यात्री के लिए राजधानी ने 535 किलोमीटर की दूरी तय की।
पेशे से वकील अनन्या ने बताया कि वह केवल अपने हक की बात कर रही थी और हक मांगना उसका अधिकार है। रेलवे ने जब टिकट दी है तो वह खटारा बसों में सफर क्यों करे। अनन्या ने कहा कि ट्रेन में कई ओर कमियां थी, जिसको लेकर वह लगातार अपनी शिकायत दर्ज करवाती रही। फिलहाल यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि रेलवे के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक युवती को छोड़ने के लिए ट्रेन ने 535 किलोमीटर का सफर तय किया हो। एक युवती के लिए चली राजधानी एक्सप्रैस
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