अम्बाला कवरेज ( अमित कुमार) देश में राइट टू एजुकेशन एक्ट लागू होने के बाद पिछले कई सालों से हरियाणा में पांचवी व आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं समाप्त कर दी गई थी लेकिन पिछले काफी समय से शिक्षा स्तर में आ रही गिरावट के बाद एक बार फिर हरियाणा सरकार ने आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं लेने का फैसला किया है। सरकार द्वारा आठवीं में पढ़ने वाले बच्चों के एग्जाम लिए जाने के फैसले के बाद अब सबसे ज्यादा परेशान है सीबीएससी अन्य बोर्ड में पढ़ने वाले स्टूडेंट की बढ़ गई है। हरियाणा भिवानी बोर्ड की ओर से जारी किए गए लेटर में सभी जिलों के DEEO को आदेश जारी किए हैं कि वह अपने जिले में आने वाले सभी सीबीएससी व अन्य बोर्ड के स्कूलों में पढ़ने वाले आठवीं के बच्चों का आंकड़ा 7 दिन के अंदर अंदर बोर्ड में भिजवा ना सुनिश्चित करें। यहां हम आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि इस सत्र से हरियाणा बोर्ड के साथ-साथ अन्य बोर्ड से शिक्षा हासिल करने वाले आठवीं के बच्चों को हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी के बोर्ड के एग्जाम देने होंगे
हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी की ओर से जारी किए गए लेटर में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि आठवीं क्लास में पढ़ने वाला बच्चा किसी भी बोर्ड का हो उसे हरियाणा भिवानी बोर्ड के एग्जाम देने होंगे। इस सबके पीछे हरियाणा सरकार का तर्क है कि ऐसा करने के बाद शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। अब सवाल यह है कि इससे पहले भी जब हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी अपने अधीन आने वाले स्कूलों के एग्जाम लेता था तब भी सीबीएसई की ओर से आठवीं का कोई बोर्ड नहीं था, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी केवल हरियाणा बोर्ड के अंदर आने वाले स्कूलों के बच्चों के एग्जाम लिया करता था। ऐसे में अगर शिक्षा की गुणवत्ता की बात की जाए तो पिछले कुछ सालों में सीबीएससी व अन्य बोर्ड से एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स का एजुकेशन हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी स्टूडेंट से काफी बेहतर रहा है।
अब हरियाणा सरकार ने राइट टू एजुकेशन एक्ट में बदलाव करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि इस सत्र जय हरियाणा बोर्ड के साथ-साथ अन्य बोर्ड से भी आठवीं कर रहे स्टूडेंट्स को हरियाणा शिक्षा बोर्ड के एग्जाम को पास करना होगा। ऐसे में अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर पहली क्लास से लेकर आठवीं क्लास तक सीबीएससी या फिर किसी अन्य बोर्ड के पैटर्न पर शिक्षा हासिल करने वाले स्टूडेंट हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा लिए जाने वाले एग्जाम को कितने बेहतर तरीके से कर पाएंगे। हरियाणा शिक्षा बोर्ड और अन्य बोर्ड की बात की जाए तो उनके शिक्षा पैटर्न में काफी फर्क है वही बच्चों के साथ साथ स्कूल संचालकों के लिए भी यह एक बहुत बड़ा चेंज होगा कि आखिर जिन बच्चों को उन्होंने सीबीएससी व अन्य बोर्ड के अनुसार शिक्षा दी है ऐसे में वह स्टूडेंट कैसे भिवानी बोर्ड द्वारा लिए जा रहे हैं एग्जाम और उनके सिलेबस का जवाब दे पाएंगे। फिलहाल हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी की ओर से जारी किए गए आदेश के बाद निजी स्कूल संचालकों को व अभिभावकों को हरियाणा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एक और मौका मिल गया है। अब देखना यह होगा प्लीज सरकार हरियाणा बोर्ड को छोड़कर अन्य बड़ों से इन फैसले को वापस लेती है या फिर बिना सिलेबस के एग्जाम देने वाले बच्चों की परेशानियां बढ़ाई जाएगी।