(अंबाला कवरेज) ट्रांसपोर्ट में काम करने वाली केंद्रीय फेडरेशन के आह्वान पर हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी अम्बाला द्वारा तेल पेट्रोल व डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता वीरभान बेनीवाल जयवीर घनघस रमन सैनी जय संचालन महावीर पाई ने किया। तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य इंद्र सिंह बधाना व सर्व कर्मचारी संघ से जिला कैशियर महेश गोयल मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे।
इंद्र सिंह बधाना ने तेल के खेल को समझाते हुए कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 1 बैरल कच्चे तेल की कीमत 42 यूएस डॉलर है 1 बैरल में 159 लीटर होते हैं और एक यूएस डॉलर की कीमत भारतीय मुद्रा में लगभग 75.80रुपये है 42 डॉलर का मतलब 3183 रुपए इसका मतलब यह हुआ कि 159 लीटर तेल की कीमत 3183 रुपए है यानी 1 लीटर कच्चे तेल की कीमत लगभग 20.80रुपये है। रिफाइनरी में कच्चे तेल की सफाई आदि में आने वाले 5.32 रुपएखर्च जोड़ दे तो तेल की कीमत 26.13 रुपये इससे पेट्रोल पंप मालिकों का कमीशन अन्य आदि मद में आने वाले खर्च लगभग 3.56 रुपये का खर्च भी जोड़ दे तो एक लीटर पेट्रोल की कीमत 29.68 रुपये बनती है पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल करीब ₹80 प्रति लीटर बेचा जा रहा है उन्होंने कहा कि एक लिए भारत सरकार एक लीटर पेट्रोल पर करीब ₹50 एक्साइज ड्यूटी वैट टैक्स वसूल कर खजाना भरने के लिए जनता को लूट रही है यही खेल सरकार डीजल के रेटों को निर्धारित करने में खेल रही है यूनियन नेताओं ने सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि आने वाले समय में सरकार घाटे का कारण कर्मचारियों के जिम्मे लगाकर विभाग को निजी हाथों में बेचने की वकालत करेगी और प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से रोडवेज विभाग के लिए 850 करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज व पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को तुरंत प्रभाव से वापिस लेने की भी मांग करती है
इंद्र सिंह बधाना ने तेल के खेल को समझाते हुए कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 1 बैरल कच्चे तेल की कीमत 42 यूएस डॉलर है 1 बैरल में 159 लीटर होते हैं और एक यूएस डॉलर की कीमत भारतीय मुद्रा में लगभग 75.80रुपये है 42 डॉलर का मतलब 3183 रुपए इसका मतलब यह हुआ कि 159 लीटर तेल की कीमत 3183 रुपए है यानी 1 लीटर कच्चे तेल की कीमत लगभग 20.80रुपये है। रिफाइनरी में कच्चे तेल की सफाई आदि में आने वाले 5.32 रुपएखर्च जोड़ दे तो तेल की कीमत 26.13 रुपये इससे पेट्रोल पंप मालिकों का कमीशन अन्य आदि मद में आने वाले खर्च लगभग 3.56 रुपये का खर्च भी जोड़ दे तो एक लीटर पेट्रोल की कीमत 29.68 रुपये बनती है पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल करीब ₹80 प्रति लीटर बेचा जा रहा है उन्होंने कहा कि एक लिए भारत सरकार एक लीटर पेट्रोल पर करीब ₹50 एक्साइज ड्यूटी वैट टैक्स वसूल कर खजाना भरने के लिए जनता को लूट रही है यही खेल सरकार डीजल के रेटों को निर्धारित करने में खेल रही है यूनियन नेताओं ने सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि आने वाले समय में सरकार घाटे का कारण कर्मचारियों के जिम्मे लगाकर विभाग को निजी हाथों में बेचने की वकालत करेगी और प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से रोडवेज विभाग के लिए 850 करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज व पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को तुरंत प्रभाव से वापिस लेने की भी मांग करती है
बैठक में उपस्थित यूनियन नेताओं ने कर्मचारियों की लम्बित मांगों की चर्चा करते हुए कहा 1992 से 2002 के मध्य लगे सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, सभी कर्मचारियों को 5 हजार रुपये जोखिम भत्ता देने, खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, परिचालकों का पे स्केल बढाने, पुरानी पैंशन स्कीम लागू करने, वर्ष 2018 में हुई 18 दिन की हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर एस्मा के तहत दर्ज मुकदमे व हड़ताल का समर्थन व सहयोग करने पर अन्य विभागों के कर्मचारियों व आम नागरिकों पर दर्ज मुकदमे रद्द करने, चार साल के बकाया बोनस का भुगतान करने,कर्मशाला कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान देने, कर्मशाला कर्मचारियों के राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, 2016 में भर्ती चालकों को पक्का करने, परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, कोरोना महामारी के चलते रोड़वेज कर्मचारियों को 50 लाख रूपये बीमा पॉलिसी में शामिल करने, पी पी ई किट सहित सभी उपकरण उपलब्ध करवाने, ( कोरोना महामारी के दौरान बसें खड़ी रहने,सोशल डिसटैंस के कारण बसों मे कम यात्रियों के सफर करने,डीजल की कीमतों में भारी बढ़ौतरी होने व 43 श्रेणियों को फ्री व रियायती दरों पर यात्रा करने के कारण विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए ) सरकार 850 करोड़ रुपये का पैकेज देने, कर्मचारियों के बंद किये DA व LTC आदि भत्ते शुरू करने, नई भर्ती पर लगाई गई रोक हटाने, वर्दी व जूतों के रेट बढाने, निजीकरण व ठेका प्रथा पर रोक लगाने, विभाग में प्रति वर्ष 2000 सरकारी बसें शामिल करने आदि सहमत हुई मांगों को लागू करने के लिए सरकार व प्रशासन बिल्कुल गम्भीर नहीं है।
उन्होंने कहा HREC गुरूग्राम में बसों की बाडी बनने के लिए बसें नहीं होने से कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा परिवहन मंत्री के वायदे के अनुसार तुरन्त 867 बसों की खरीद की जाए। ताकि HREC कर्मचारियों को काम मिलने के साथ बसों का बेड़ा बढ सकें। रोडवेज कर्मचारियो की मांगों के प्रति परिवहन मत्री व आलाधिकारी की वायदाखिलाफी के विरोध मे आने वाली 7 अगस्त को 10 बजे से 4 बजे तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और यदी फिर भी मांगो का समाधान नही हुआ तो 5 सितम्बर को तालमेल कमेटी का मॉस डेपुटेशन मत्री से मिलेगा। विक्रम,बिन्द्र,अनिल,देवेन्द्र पाल आदि ने भी कर्मचारियो को सम्बोधित किया।