चण्डीगढ़। हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के लिए लाए गए तीन अध्यादेशों से किसान या आढ़ती का किसी तरह का अहित नहीं होगा बल्कि इनसे किसानों को अपनी फसल बेचने के और अधिक विकल्प मिलेंगे। इन अध्यादेशों में एमएसपी के कानून से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है। एमएसपी की व्यवस्था ज्यों की त्यों लागू रहेगी। सरकारी खरीद पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा और सरकारी खरीद मण्डियों में पहले की तरह ही होगी। हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि विपक्ष इन अध्यादेशों के बारे में तरह-तरह की भ्रान्तियां फैलाकर किसानों और आढ़तियों को गुमराह करने का ओछा प्रयास कर रहा है। विपक्ष के पास जब भी मुद्दों का अभाव होता है और उसका राजनीतिक अस्तित्व खतरे में पड़ता है तो वह इसे बचाने के लिए किसान का सहारा लेता है। इसलिए, आज किसान भाइयों और आढ़तियों को विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे इस भ्रमजाल से बचने की आवश्यकता है। हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि ने कहा कि इन अध्यादेशों से न तो किसानों के लिए बनी मंडी व्यवस्था को किसी तरह का नुकसान होगा और न ही जमाखोरी बढ़ेगी। इस व्यवस्था पर सरकार का पूरा नियंत्रण रहेगा और ऐसी किसी भी वस्तु की जमाखोरी नहीं करने दी जाएगी, जिसकी बाजार में कमी हो गई होगी। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके पूरे भण्डारण को सरकार अपने अधिकार में ले सकती है। ambala today news किसानों के विरोध प्रदर्शन पर परिवहन मंत्री का बड़ा ब्यान, विपक्ष किसानों को कर रहा गुमराह
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हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि ने कहा कि इन अध्यादेशों के बारे में एक और भ्रम फैलाया जा रहा है कि इसे एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कम्पनियां अपने मनमाने रेट पर किसान की फसल खरीदेंगी। यहां यह बताना जरूरी है कि इन अध्यादेशों में कहीं भी ऐसा कोई जिक्र नहीं है कि किसान की फसल एमएसपी पर नहीं बिकेगी। किसान चाहे तो मंडी में जाकर एमएसपी पर अपनी फसल को बेच सकता है। परन्तु यादि उसे मंडी से बाहर एमएसपी से अधिक मूल्य मिल रहा है तो वह अपनी फसल वहां भी बेच सकता है। गौर करने वाली बात है कि इन अध्यादेशों से किसान को और अधिक विकल्प मिलेंगे और वह अपनी फसल को अपनी मर्जी से कहीं भी बेच सकता है। हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने तो अब खरीफ की फसल की खरीद की सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रदेश में धान की खरीद के लिए 400 खरीद केंद्र, बाजरा के लिए 120 और मूंग के लिए 30 खरीद केन्द्रों का निर्धारण कर भी दिया है। किसान इन केन्द्रों पर जाकर अपनी फसल को एमएसपी पर बेच सकते हैं। हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि एक और भ्रम यह भी फैलाया जा रहा है कि किसानों के साथ अनुबंध करने वाली कम्पनियां उनकी जमीनों पर कब्जा कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि किसान की जमीन पर कोई कंपनी किसी भी स्थिति में कब्जा नहीं कर सकती। किसान उतनी ही अवधि का अनुबंध कर सकता है, जितना वह चाहे। इसका मूल्य भी वही होगा, जो किसान चाहेगा। इसकी धारा 8(ए) में उल्लेख है कि अगर अनुबंध समाप्त होने पर कम्पनी किसान की जमीन पर बनाया स्ट्रक्चर जैसे-पॉलीहाउस आदि नहीं हटाती तो वह सब किसान का हो जाएगा। हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि इन अध्यादेशों के बारे में कुछ और भी बातें ऐसी हैं जो किसान भाइयों के लिए जाननी जरूरी हैं। इन अध्यादेशों में केवल ऐसे किसानों की सुरक्षा के लिए संशोधन किया गया है जो डायरेक्ट मार्केटिंग या कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग करना चाहते हैं ताकि मंडी से बाहर भी कृषि व्यापार हो सके। फिलहाल हजार में से केवल एक किसान ही डायरेक्ट मार्केटिंग करता है। उन्होंने कहा कि मंडी में एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी। सारी सरकारी खरीद मंडी में ही होगी और जब मंडी में खरीद होगी तो व्यापारी व आढ़ती भी सुरक्षित रहेगा। ambala today news किसानों के विरोध प्रदर्शन पर परिवहन मंत्री का बड़ा ब्यान, विपक्ष किसानों को कर रहा गुमराह
हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि अब किसान के पास अपनी उपज बेचने के एक की बजाय चार विकल्प होंगे। वह अपनी फसल खुद बेच सकता है, किसानों का समूह बनाकर बेच सकता है, व्यापारियों के साथ कॉन्ट्रेक्ट करके बेच सकता है या फिर वह मण्डी में एमएसपी पर सरकारी खरीद के तहत भी अपनी फसल बेच सकता है। इसके साथ ही किसान को इस बात की भी पूरी आजादी होगी कि वह अपनी फसल को चाहे तो स्थानीय स्तर पर अपने आस-पास बेच सकता है, अपने जिले या राज्य में बेच सकता है या फिर पूरे देश में कहीं भी जाकर अपनी फसल बेच सकता है। उन्होंने कहा कि इन अध्यादेशों से ‘एक देश एक-एक बाजार’ की अवधारणा साकार हुई है। देश में पहली बार ऐसा सम्भव हो पाया है कि किसान अपनी फसल को अपनी मर्जी से उस जगह बेच सकता है, जहां उसे ज्यादा भाव मिले। हरियाणा के परिवहन तथा खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचन्द शर्मा ने कहा कि इन सब बातों के बावजूद अगर इन अध्यादेशों की किसी भी लाइन पर आपत्ति है तो इनमें सुधार या किसान के भले के लिए सुझाव दिया जा सकता है क्योंकि इन पर कानून तो संसद में ही बनेगा। उससे पहले कोई भी व्यक्ति अपने विचार दे सकता है। अध्यादेश में सुधार के लिए सुझाव देने की बजाय कुछ लोग केवल इन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं जो बिल्कुल भी मुनासिब नहीं है । ambala today news किसानों के विरोध प्रदर्शन पर परिवहन मंत्री का बड़ा ब्यान, विपक्ष किसानों को कर रहा गुमराह