134ए खत्म: अब निजी स्कूलों में मुफ्त एडमिशन के लिए अभिभावकों को नहीं खाने पड़ेंगे धक्के

अंबाला कवरेज @ अंबाला। शिक्षा नियमावली के रूल 134ए के तहत मुफ्त एडमिशन देने को लेकर निजी स्कूल संचालकों व सरकार के बीच शुरू हुई खींचतान के बाद अब सरकार ने विवाद को खत्म करने के लिए रूल को खत्म कर दिया। इसको लेकर बकायदा नोटिफिकेशन जारी हो चुकी है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद यह तो तय हो गया है कि नए सत्र से अब किसी भी बच्चे को निजी स्कूल में मुफ्त एडमिशन नहीं मिलेगा और न ही अभिभावकों को धक्के खाने होंगे। सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद कहीं न कहीं उन बच्चों का सपना टूट गया है जोकि लंबे समय से निजी स्कूल में मुफ्त एडमिशन का सपना देख रहे थे। यहां पर जिक्र करना जरूरी है कि रूल का विरोध तो हमेशा होता आया है, लेकिन पिछले सत्र में हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूलर्स कांफ्रैंस के पदाधिकारियों ने जमकर विरोध किया था, जिसके बाद प्रदेशभर में नाममात्र बच्चों को एडमिशन मिला था। बकायदा विधानसभा में भी मुद्दा उठाया गया, जिसके बाद दबाव में आई सरकार ने रूल को ही खत्म कर दिया। ऐसे में निजी स्कूल जगत की बात की जाए तो रूल को खत्म करने का श्रेय सीधेतौर पर एचपीएससी को जाता है।
28 मार्च 2022 को जारी की गई नोटिफिकेशन में सालों से चले आ रहे इस रूल को खत्म कर दिया गया। इस रूल के तहत पहले निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत मुफ्त एडमिशन का प्रावधान था और बाद में स्कूलों के विरोध के बाद इस कम करके 10 प्रतिशत कर दिया गया। हरियाणा प्रदेश की बात की जाए तो इस समय रूल के तहत निजी स्कूलों में हजारों बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ निजी स्कूलों के विरोध के बाद सरकार ने बकाया रिइंबसमेंट भी देनी शुरू कर दी थी। लेकिन स्कूल संचालकों का तर्क था कि उन्हें आरटीई के नियमों के अनुसार रिइंसमेंट दी जानी चाहिए। वर्ष 2022-23 में एचपीएससी के बैनर तले प्रदेशभर में विरोध जताया गया और पेमेंट बढ़ाने के साथ साथ सालों से रुकी हुई पेमेंट की डिमांड की गई। सरकार ने पेमेंट भी बढ़ाई, लेकिन फिर भी निजी स्कूलों ने बच्चों को एडमिशन नहीं दिया। जिसके बाद सरकार की बेहद किरकरी हुई। वहीं 134ए को लेकर एचपीएससी द्वारा दाखिल किए गए केस अभी कोर्ट में विचाराधीन है और ऐसे में इस साल भी गरीबों को एडमिशन दिलाना सरकार के लिए मुश्किल था, इसी कारण सरकार ने दबाव से बचने के लिए रूल को खत्म कर दिया।

मुफ्त पढ़ रहे बच्चों को आगे भी मिलेगा लाभ?

सरकार ने 28 मार्च 2022 से रूल को खत्म कर दिया है, लेकिन ऐसे में सवाल यह है कि जो बच्चे पहले से ही रूल के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं, क्या उन्हें इस रूल के तहत अब लाभ मिलेगा या नहीं। सरकार द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन में इस को लेकर किसी तरह की स्थितियां स्पष्ट नहीं की गई हैं। इस मामले में एडवोकेट हेमंत कुमार ने कहा कि नियमों के अनुसार जब से नोटिफिकेशन जारी होती है तब से रूल को खत्म माना जाता है। उन्होंने कहा कि जो बच्चे पहले से ही रूल के तहत पढ़ रहे हैं और मुफ्त एडमिशन का लाभ ले रहे हैं, उसपर यह नियम लागू नही होगा। बच्चों को पहले की तरह की मुफ्त शिक्षा का लाभ मिलता रहेगा।

एचपीएससी मुहिम का असर, पढ़िए क्या बोले पदाधिकारी

एचपीएससी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता प्रशांत मुंजाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने रूल 134ए को खत्म करके सरकार, अभिभावकों व स्कूलों के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सालों से रूल के तहत निजी स्कूल संचालकों पर सरकार द्वारा गलत तरीके से मुफ्त एडमिशन देने का दबाव बनाया जाता था। उन्होंने कहा कि एचपीएससी के बैनर तले सभी निजी स्कूलों ने मिलकर विरोध किया और सरकार के फैसले को गलत साबित दिया। जिसके बाद अब सरकार ने रूल 134ए को खत्म किया है। प्रशांत मुंजाल ने कहा कि एचपीएससी ने हमेशा अपने हितों की बात कही है और कोर्ट में भी रूल में सुविधा की बात कर करते हुए तय नियमों के अनुसार रिइंबसमेंट मांगी थी, लेकिन सरकार ने नहीं दी। उन्होंने कहा कि मुफ्त एडमिशन न मिलने पर अभिभावक स्कूलों को दोषी ठहराते थे, लेकिन सच्चाई यह थी कि सरकार की पॉलिसी गलत थी। अब इस पॉलिसी के खत्म होने के बाद अभिभावकों व स्कूल संचालकों को राहत मिली है।

एचपीएससी की मुहिम का असर, सरकार को खत्म करना पड़ा रूल 134ए: सौरभ कपूर

हरियाणा प्रोगे्रसिव स्कूलर्स कांफ्रैंस के प्रदेश प्रवक्ता सौरभ कपूर ने कहा कि एचपीएससी द्वारा चलाई गई मुहिम का असर यह है कि हरियाणा सरकार को रूल 134ए को खत्म करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार की तरफ से 28 मार्च 2022 को नोटिफिकेशन निकाल दी गई है। सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ साथ शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर का धन्यवाद करते हुए सौरभ ने कहा कि देर से ही सही, लेकिन सरकार ने रूल को खत्म करते हुए यह तो मान लिया कि इसको जबरन स्कूल संचालकों पर थोपा जा रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा रूल 134ए को खत्म किए जाने के बाद अब स्कूल संचालकों व अभिभावकों के बीच चलने वाला गतिरोध भी समाप्त हो जाएगा।
सौरभ कपूर ने कहा कि सालों से रूल के तहत निजी स्कूल संचालकों पर सरकार द्वारा गलत तरीके से मुफ्त एडमिशन देने का दबाव बनाया जाता था। उन्होंने कहा कि एचपीएससी के बैनर तले सभी निजी स्कूलों ने मिलकर विरोध किया और सरकार के फैसले को बताया था। जिसके बाद अब सरकार ने रूल 134ए को खत्म किया है। प्रशांत मुंजाल ने कहा कि एचपीएससी ने हमेशा स्कूल संचालकों हितों की बात की है और माननीय हाईकोर्ट में भी रूल में कमियों की बात कर करते हुए तय नियमों के अनुसार रिइंबसमेंट मांगी थी, लेकिन सरकार ने नहीं दी। उन्होंने कहा कि मुफ्त एडमिशन न मिलने पर अभिभावक स्कूलों को दोषी ठहराते थे, लेकिन सच्चाई यह थी कि सरकार की पॉलिसी गलत थी। अब इस पॉलिसी के खत्म होने के बाद अभिभावकों व स्कूल संचालकों को राहत मिली है।

सौरभ कपूर ने कहा कि सरकार ने 28 मार्च 2022 से रूल 134ए को खत्म कर दिया है, लेकिन नोटिफिकेशन में कहीं यह स्पष्ट नहीं है कि जो पहले से पढ़ रहे स्टूडेंट्स हैं, उन्हें कैसे पढ़ाया जाएगा। सरकार की नोटिफिकेशन के अनुसार तो अब नए सत्र से सभी बच्चों को स्कूल के अनुसार फीस देनी होगी। साथ ही सौरभ ने कहा कि स्कूल संचालकों ने सालों से बच्चों को मुफ्त पढ़ाया है और स्कूल संचालकों का सरकार की तरफ लाखों रुपए बकाया है, लेकिन सरकार ने अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया कि आखिर बकाया कब तक दिया जाएगा। सौरभ कपूर ने सरकार से मांग की कि वह स्थिति को स्पष्ट करें और स्कूल संचालकों को बताए कि उसकी पेमेंट कब तक की जाएगी।

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