ambala coverage वेदों का सार है उपनिषद् और उपनिषदों का सार है श्रीमदभगवदगीता- स्वामी अनुभवानंद गिरी जी महाराज

अमित अठवाल
अम्बाला कवरेज @अम्बाला शहर –श्री वृंदावन भक्तिधाम हाउसिंग बोर्ड सैक्टर-9, अम्बाला शहर में गीता जयन्ती महोत्सव डॉ. स्वामी अनुभवानंद गिरी जी महाराज की अध्यक्षता में बड़ी श्रद्धापूर्वक व धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री अनन्त प्रेममंदिर की परमाध्यक्षा सुश्री गीता देवी जी महाराज के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं श्रीमदभगवद गीता का पूजन करकेे हुआ। मंत्रोच्चरण पंडित तिलक राज शर्मा ने किया। कार्यक्रम के दौरान श्लोकोचारण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें दो वर्ष के बच्चों से लेकर अस्सी वर्ष के बुजुर्गों ने भाग लिया व सम्पूर्ण गीता में से एक-एक श्लोक का उच्चारण किया। डॉ. स्वामी अनुभवानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि वेदों का सार है उपनिषद् और उपनिषदों का सार है श्रीमदभगवदगीता। उन्होंने कहा कि गीता जी के एक श्लोक का पाठ करने मात्र से सभी शास्त्रों का पाठ करने का फल प्राप्त हो जाता है क्योंकि श्रीमदभगवदगीता में सारे शास्त्र समाए हुए हैं। स्वामी अनुभवानंद ने कहा कि गीता ग्रंथ की ही जयन्ती मनाई जाती है, अन्य ग्रंथों की नहीं। गीता साक्षात भगवान के श्रीमुख से प्रकट हुई है इसलिए सारे विश्व में गीता ग्रंथ ही सर्वश्रेष्ठ है। इस अवसर पर श्री अनन्त प्रेममंदिर की परमाध्यक्षा सुश्री गीता देवी जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर हम सभी को श्रीमदभगवद् गीता का उपदेश दिया। उन्होंने डा. स्वामी अनुभवानंद गिरि जी महाराज की प्रशंसा करते हुए कहा कि अपने अथक प्रयासों से भगवद्गीता सामान्य से सामान्य लोगों को भी सिखा रहे हैं। कलियुग में युवा पीढ़ी गीता पाठ करके अपने जीवन में उन्नति कर सकती है। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि वे केवल भगवद्गीता को याद ही न करें अपितु उस पर अमल भी करें। जीवन में जो भी कर्म करें निष्काम भाव से करें। अपने सारे कार्य ईश्वर को समर्पित करते हुए सम्पन्न करें ताकि हम अंहकार से दूर रहें। जब उन्होंने भजन ‘हमको है प्यारी हमारी यह गीता, श्रीमुख से गाई, मुरारी ये गीता’ गाया तो सारा वातावरण भक्ति मय हो गया। इस अवसर पर शशि नंदरा, सुरेन्द्र सूद, सुनीता मेहता, रघुवीर शर्मा एवं अशोक गर्ग जिन्हें सम्पूर्ण गीता कंठस्थ थी, को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया एवं लगभग 80 बच्चों एवं भक्तों ने गीता जी के अनेक अध्यायों से स्मरण किए गए श्लोकों का उच्चारण किया उन्हें भी पुरस्कृत किया गया। मंच का संचालन भारत भूषण सहगल ने बड़ी बाखूबी से किया। कार्यक्रम के सफल बनाने में सुरेन्द्र सचदेवा, अजय कौशिक, प्रमोद शर्मा, जय गोपाल बंसल, पंडित तिलक राज शर्मा, सुरजीत नागपाल, ईशान शर्मा, रमेश शर्मा, परविन्द्र नांदरा, राकेश शर्मा, तिलक अरोड़ा का विशेष योगदान रहा। समारोह का समापन गीता जी आरती व प्रसाद वितरण से हुआ।ambala coverage वेदों का सार है उपनिषद् और उपनिषदों का सार है श्रीमदभगवदगीता- स्वामी अनुभवानंद गिरी जी महाराज

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