ambala coverage news : जीएमएन कॉलेज के मंच से ‘स्वर्गीय प्रो. राम दत्त जी ,इतिहासविद् शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार’ की शुरुआत – डॉ. अतुल यादव प्रथम पुरस्कार विजेता घोषित

अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ अंबाला। जीएमएन कॉलेज, अंबाला कैंट के इतिहास विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी के दौरान ‘स्वर्गीय श्री प्रोफेसर राम दत्त जी इतिहासविद् शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार’ की शुरुआत की है। यह पुरस्कार डॉ रोहित दत्त द्वारा अपने स्वर्गीय पिता प्रो. राम दत जी, प्रतिष्ठित इतिहासकार एवं शिक्षाविद्, द्वारा उनकी श्रद्धांजलि स्वरूप शुरू किया गया !इस पुरस्कार का उद्देश्य इतिहास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करना और युवा पीढ़ी को ऐतिहासिक शोध एवं शिक्षा के लिए प्रेरित करना है। वर्ष 2023-24 के लिए यह पुरस्कार डॉ. अतुल यादव, एसोसिएट प्रोफेसर, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, अंबाला कैंट को प्रदान किया गया। उन्होंने आधुनिक भारत के सामाजिक आंदोलनों एवं क्रांतिकारी विचारधाराओं पर अपने महत्वपूर्ण शोध कार्य, लेखों और व्याख्यानों के माध्यम से ऐतिहासिक समझ को सशक्त किया है। यह सम्मान उन्हें 28 अप्रैल 2025 को जीएमएन कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी – “भगत सिंह: क्रांतिकारी विरासत की पुनर्समीक्षा” के उद्घाटन सत्र के दौरान प्रदान किया गया। इस अवसर पर उन्हें प्रशस्ति पत्र, सम्मान प्रमाण पत्र तथा ₹10,000 की नकद राशि भी प्रदान की गई। पुरस्कार कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त द्वारा भव्य रूप में भेंट किया गया। प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा:  “हमारा अतीत हमारे भविष्य की नींव है। यदि हम अपने इतिहास को नहीं समझते, तो आगे बढ़ना असंभव है। इतिहास हमारे समाज की रीढ़ है और इसलिए हमने इस पुरस्कार की शुरुआत की है, ताकि ऐसे शिक्षकों को सम्मानित किया जा सके, जो इतिहास के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान दे रहे हैं। यह सम्मान प्रो. राम दत्त जी की स्मृति को श्रद्धांजलि है और साथ ही अगली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है।”*

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पुरस्कार प्राप्तकर्ता डॉ. अतुल यादव ने अपने वक्तव्य में कहा:  
“इतिहास केवल तिथियों और घटनाओं का संकलन नहीं, बल्कि विचारों, संघर्षों और सपनों की जीवंत अभिव्यक्ति है। यदि हम भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों की सोच को आज के समाज से जोड़ सकें, तो न केवल शिक्षा क्षेत्र समृद्ध होगा, बल्कि राष्ट्र भी नई दिशा में अग्रसर होगा। जीएमएन कॉलेज द्वारा मुझे इस सम्मान के योग्य समझा जाना मेरे लिए अत्यंत गर्व का विषय है। यह पुरस्कार मुझे इतिहास शिक्षा और शोध को और अधिक समर्पण से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।” संगोष्ठी में विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया और भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता पर गंभीर विचार-विमर्श किया। आयोजन के समापन पर इतिहास विभाग की ओर से सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। यह पुरस्कार अब प्रत्येक वर्ष प्रदान किया जाएगा ताकि इतिहास के क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जा सके।

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