ambala coverage news हरियाणा प्रोगे्रसिव स्कूल्स कांफ्रैंस के प्रदेश प्रधान बने सुरेश चंद्र

अंबाला कवरेज@ दिल्ली। हरियाणा प्रोगे्रसिव स्कूर्ल्स कांफ्रैंस द्वारा दिल्ली स्थित एक निजी होटल में एजुइविजन 2024 का आयोजन किया गया। जिसमें नई शिक्षा नीति को लेकर आए एक्सपर्ट से अपनी बात रखी और प्रदेशभर से आई स्कूल प्रिंसिपल व अन्य स्टाफ को एजुकेशन पॉलिसी के बारे में बताया गया। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्रा प्रधान मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुए। वहीं इस दौरान एचपीएससी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र को सर्वसम्मति से कांफ्रैंस का प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी गई, जबकि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काम देख रहे एसएस गौसाई को सरंक्षण नियुक्त किया गया। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्रालय शिक्षा विभाग के सेके्रटरी संजय कुमार, एनसीईआरटी के चेयरमैन प्रो. दिनेश सकलानी, केंद्र शिक्षा और स्किल डिवेलपमेंट विभाग के नेशनल लीडर नारायणा रमास्वामी, एचसीएल टैक्स के एग्जिक्यूटिव वाईस प्रधान संजोए गौस, फिल्म मेकर एवं ओथर गौस गोपाल दास, सीबीएसई सेके्रटरी हिमांशु गुप्ता, मोडिविकेशनल स्पीकर प्रिया कुमार, हरियाणाा शिक्षा बोर्ड भिवानी के चेयरमैन वीपी यादव मौजूद रहे। इस दौरान वक्ताओं ने बताया कि गलत शिक्षा नीति के कारण लगातार बच्चों पर दबाव बढ़ रहा था, लेकिन नई शिक्षा नीति में बच्चों पर से दबाव को कम करने का प्रयास किया गया है।

ambala coverage 03 feb 2024

नई शिक्षा नीति में बच्चों की उस स्किल को निखारने पर जोर दिया गया है जोकि बच्चों के अंदर छिपी होती है। अक्सर देखा गया कि बच्चे शिक्षा के दबाव के कारण आत्महत्या भी करते है, लेकिन अब इस दबाव को काम किया जा रहा है। सबसे हम बच्चों पर से मानसिक दबाव को कम करने के लिए पहली क्लास में 6 साल से कम उम्र के बच्चे के दाखिले पर रोक लगाई गई। इस दौरान एचपीएससी के पदाधिकारियों ने आए सभी मेहमानों व वक्ताओं को स्मृत्ति चिह्न देकर सम्मानित किया। 40 मिनट में गौस गोपाल दास ने बताया कैसी हो शिक्षा विश्व प्रसिद्ध ओथर गौस गोपाल दास ने एचपीएससी द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में आई प्रिंसिपल व टीचर्स को आधुनिक शिक्षा पर जोर देने के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा देने के तरीके को बदलना होगा। बच्चे की जैसी स्किल है उसके अनुसार ही उसे शिक्षा दी जाए। एक उदाहरण देते हुए गौस गोपाल दास ने कहा कि यदि मछली को पेड़ पर चढ़ने के लिए कहा जाए तो वह नहीं चढ़ पाएगी, इसी तरह जिस बच्चे की काबलियत गणित में है और हम उसे साइस पढ़ने पर मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा देने के साथ साथ बच्चों की काबलियत को भी पहचानने की जरूरत है ताकि उसके अनुसार ही बच्चे को शिक्षित किया जाए और आगे बढ़ने में मदद की जाए।

ambala coverage 03 feb 2024

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