अमित कुमार
अंबाला कवरेज@ चंडीगढ़ । गत फरवरी-मार्च 2025 में हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण में प्रदेश की तीन दर्जन विभिन्न शहरी नगर निकायों के साथ ही अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के मेयर पद का उपचुनाव भी कराया गया था. अगले नौ महीने अर्थात जनवरी, 2026 के आरम्भ तक की समय-अवधि के लिए अम्बाला नगर निगम में भाजपा उम्मीदवार शैलजा सचदेवा जबकि सोनीपत नगर निगम में भाजपा प्रत्याशी राजीव जैन मेयर पद पर निर्वाचित हुए है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 20 मार्च 2025 को प्रदेश के शासकीय गजट में हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 14(1) के अंतर्गत एक नोटिफिकेशन के प्रकाशन मार्फ़त उपरोक्त दोनों मेयर पद पर निर्वाचित पदाधिकारियों का निर्वाचन अधिसूचित कर दिया गया था एवं 25 मार्च 2025 को उक्त दोनों को सम्बंधित मंडल आयुक्तों द्वारा मेयर पद की शपथ भी दिला दी गई थी. इसी बीच अम्बाला शहर निवासी हाईकोर्ट एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून जानकार हेमंत कुमार ने 12 मार्च 2025 को एक ज्ञापन एवं कानूनी अभिवेदन के माध्यम से राज्य निर्वाचन आयोग और प्रदेश सरकार के संज्ञान में लाया कि बेशक आयोग द्वारा उपरोक्त दोनों नगर निगमों के मेयर पद का उपचुनाव करा गया है परन्तु इसे पूर्ण कानूनी वैधता अर्थात वैधानिक मान्यता तभी प्राप्त होगी जब प्रदेश विधानसभा द्वारा हरियाणा नगर निगम कानून,1994 की दो धाराओं नामत: 9(5) और 13(1) में तत्काल कानूनी संशोधन किया जाए जोकि उस समय हरियाणा विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में किया जा सकता था.
हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 20 मार्च 2025 को एक पत्र के माध्यम से निदेशक, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, हरियाणा को लिखा गया था कि उपरोक्त विषय पर की जाने वाली वाँछित कार्रवाई बारे हेमंत को सूचित किया जाए एवं उसकी एक प्रति आयोग को भी सूचनार्थ एवं रिकॉर्ड हेतू भेजी जाए. बहरहाल, आज एक माह का समय बीत जाने के बाद भी उन्हें शहरी स्थानीय निकाय विभाग, हरियाणा से कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है. अब क्या विभाग द्वारा इस विषय पर राज्य निर्वाचन आयोग को कोई पत्र भेजा गया है अथवा नहीं, इस बारे में आयोग ही बता सकता है. बहरहाल, हेमंत ने गत दिवस इस विषय पर एक बार पुन: निर्वाचन आयोग और प्रदेश सरकार के शहरी निकाय विभाग को लिखा है. हेमंत का कानूनी मत है कि चूँकि वर्तमान में हरियाणा विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है, अत: प्रदेश सरकार द्वारा राज्यपाल हरियाणा से उपरोक्त विषय पर एक अध्यादेश प्रख्यापित करा तत्काल तौर पर उपरोक्त कानूनी संशोधन किया जा सकता है. हेमंत ने बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 13 (1), जो नगर निगम मेयर और सदस्यों की रिक्त हुई सीटों को उपचुनाव द्वारा भरे जाने से संबंधित है, में नवम्बर-2020 में प्रदेश विधानसभा द्वारा संशोधन कर ऐसा उल्लेख कर दिया गया था कि उक्त धारा के प्रावधान रिक्त मेयर पद पर लागू नहीं होंगे अर्थात इसका सरल शब्दों में अर्थ यह है कि नगर निगम के मेयर का पद, बेशक वह किसी भी कारण से रिक्त हुआ हो, तो उसे राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव द्वारा भरा नहीं जा सकता है. चूँकि इस कानूनी प्रतिषेध (रोक) बावजूद अम्बाला और सोनीपत में मेयर पद के लिए उपचुनाव कराया गया, इसलिए उसकी कानूनी मान्यता के लिए उक्त धारा में संशोधन आवश्यक है.
इसी प्रकार हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 9 (5) का हवाला देते हुए हेमंत ने बताया कि इस धारा में स्पष्ट उल्लेख है कि अगर नगर निगम मेयर या निगम सदस्य के रिक्त हुए पद को, जिसका शेष कार्यकाल कम से कम 6 महीने या उससे अधिक हो, को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव मार्फ़त भरा जाना है, तो ऐसा उस पद के रिक्त होने के अधिकतम 2 महीने के भीतर ही किया जा सकता है. गत वर्ष 8 अक्टूबर 2024 को अम्बाला नगर निगम की तत्कालीन मेयर शक्ति रानी शर्मा के पंचकूला जिले के कालका विधानसभा हलके से भाजपा विधायक बनने और सोनीपत नगर निगम के तत्कालीन मेयर निखिल मदान के सोनीपत विधानसभा हलके से भाजपा विधायक बनने कारण हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 8 ए के अंतर्गत अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के मेयर पद उसी दिन से ही रिक्त हो गए थे क्योंकि एक ही समय पर कोई व्यक्ति मेयर एवं साथ साथ विधायक नहीं रह सकता है. इस कारण अगर हरियाणा निर्वाचन आयोग को अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों में मेयर पद के लिए उपचुनाव कराना ही था, तो हरियाणा नगर निगम कानून की मौजूदा धारा 9(5) के अंतर्गत ऐसा अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के मेयर पद रिक्त होने से दो महीने के भीतर अर्थात 8 दिसम्बर 2024 तक करा लेना चाहिए था, उसके बाद नहीं. चूँकि अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के रिक्त मेयर पद उपचुनाव फरवरी-मार्च,
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