ambala coverage news पढ़िए खबर:सांप काटने पर क्या करना चाहिए, क्या नही

अमित कुमार
अंबाला कवरेज@ अंबाला। सांप काटने की स्थिति में मरीज के बचाव बारे जो चिकित्सा सुविधा अपनाई जानी है व इस दौरान घरेलू नुस्कों का प्रयोग न करने बारे जागरूकता होने बारे स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण विषय के तहत वीरवार को किंगफिशर पर्यटन स्थल अम्बाला शहर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सिविल सर्जन डा0 राकेश सहल, डिप्टी सिविल सर्जन डा0 संजीव सिंगला, डा0 संजीव गोयल, नोडल ऑफिसर डा0 हितार्थ, डा0 सुखप्रीत, डा0 विपिन भंडारी विशेष तौर पर मौजूद रहे। सिविल सर्जन डा0 राकेश सहल ने कार्यशाला के माध्यम से उपस्थित डाक्टरों व अन्य को अपने सम्बोधन में कहा कि सांप काटने की स्थिति में आम जन मानस में यह जागरूकता लाई जानी बेहद आवश्यक है कि इस दौरान घरेलू नुस्कों व झाड-फूक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे सम्बन्धित व्यक्ति की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में हमें अपने नजदीकी सीएचसी, पीएचसी व नागरिक अस्पताल में मरीज को ले जाना चाहिए और इससे बचाव बारे जो भी ईलाज है, उसे करवाना चाहिए ताकि मरीज को बचाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्नेक बाईट प्रीवेशन प्रोग्राम के तहत लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है। ambala coverage news पढ़िए खबर:सांप काटने पर क्या करना चाहिए, क्या नही

ambala coverage 14 march 2024

इस मौके पर एमडी मैडिशन डा0 संजीव गोयल व डा0 पीयूष जैन ने सांप काटने की स्थिाति में जो चिकित्सा सुविधा एवं ईलाज किया जाना होता है उस बारे प्रैजटेंशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कार्यशाला में उपस्थित डाक्टरों को कहा कि इस स्थिति में चिकित्सा क्षेत्र के तहत जो भी बेहतर ईलाज होता है, उसे करना चाहिए। आज कार्यशाला के दौरान उन्होने यह भी बताया कि उन्होंने स्वयं रोहतक से इस विषय को लेकर प्रशिक्षण हासिल किया है। आज कार्यशाला के दौरान जो आवश्यक हिदायतें एवं ईलाज संबधी जानकारी दी गई है, सम्बन्धित डाक्टर अपने अधीनस्थ स्टाफ को इस बारे अवगत करवाएं ताकि सम्बन्धित मरीज का ईलाज करते हुए उसके जीवन को बचाया जा सके। इस मौके पर स्नेक बाईट प्रीवेंशन कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल ऑफिसर डा0 हितार्थ ने बताया कि पिछले वर्ष सांप काटने के जिले में करीब 150 केस सामने आए थे तथा 14 मरीज ऐसे हो गये थे जिन्हें अधरंग हो गया था। इस वर्ष 12 केस सामने आए हैं जिनमे से 2 को ईलाज देते हुए रैफर करने का काम किया गया है। उन्होने यह भी बताया कि यदि इस विषय के तहत आमजन भी जागरूक होगा तो सम्बन्धित मरीज की जिंदगी को बचाया जा सकता है। ऐसी स्थिति में हमें घरेलू नुस्कों व झाड-फूक को छोडते हुए अपने मरीज का ईलाज करवाना चाहिए। इस मौके पर डिप्टी सिविल सर्जन डा0 संजीव सिंगला, डा0 सुखप्रीत, डा0 विपिन भंडारी, डा0 मयंक, डा0 सुनील हरि के साथ-साथ अम्बाला शहर व अम्बाला छावनी नागरिक अस्पताल के फिल्ड चिकित्सक तथा सीएचसी व पीएचसी के इंचार्ज के साथ-साथ अन्य मौजूद रहे। ambala coverage news पढ़िए खबर:सांप काटने पर क्या करना चाहिए, क्या नही

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