ambala cvoerage news : मिट्टी की सेहत और पर्यावरण की रक्षा – स्कूलों में चला फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता अभियान

अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ अंबाला।  कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, अम्बाला द्वारा सी0आर0एम0 स्कीम के तहत आज उप कृषि निदेशक अम्बाला डा0 जसविन्द्र सिंह के दिशा निर्देशों के अनुसार जिला अम्बाला के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 10वीं एवं 12वीं सीनियर विंग के बच्चों को फसल अवशेष प्रबंधन हेतु जागरूक किया गया। जिसमें फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में बताया गया। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरकता शक्ति खत्म हो जाती है व मिट्टी में उपस्थित किसान मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं। उनको बताया कि अपने आसपास कोई भी गेहूं के अवशेष न जलाएं व अपने माता-पिता व पड़ोसियों को भी गेहूं के अवशेष न जलाने बारे जागरूक करने के लिए हर संभव प्रयत्न हमें करना होगा। जानकारी के क्रम में बताया कि वातावरण को, प्रदूषित होने से बचाने के लिए व बच्चों / बुजुर्गों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की रोकथाम हेतु गेहूं की कटाई करने के बाद शेष बचे हुए अवशेषों को जलाने पर हरियाणा सरकार द्वारा पूर्णतया प्रतिबंध लगाया हुआ है। गेहूं की कटाई करने के बाद शेष बचे हुए अवशेषों को न जलाएं व उनके स्थान पर स्ट्रा रीपर, रिपर बाईंडर, हैपी सीडर स्ट्रा बेलर व रोटावेटर यंत्रों का प्रयोग कर शेष बचे हुए अवशेषों को खेत में ही दबा दें। इसके साथ-साथ डीकम्पोजर के बारे में भी बताया।

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भारतीय संविधान की धारा 223 व प्रदूषण नियंत्रण एक्ट 1981 के अनुसार कृषि अवशेषों को जलाना एक दंडनीय अपराध है यदि कोई किसान शेष बचे हुए अवशेषों को जलाता पाया गया तो उसे दो एकड़ तक गेहूं के अवशेष जलाने पर 5000 /- रुपये, दो से पांच एकड़ तक गेहू के अवशेष जलाने पर 10000/- रुपये, पांच एकड़ से अधिक गेहू के अवशेष जलाने पर-30000/- रुपये आर्थिक जुर्माना भरना होगा व भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों व पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ क एफ0आई0आर0 भी दर्ज की जा सकती है व रेड एन्ट्री की जा सकती है जिससे किसान को फसल बेचने व सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडीयों पर रोक लगा दी जाएगी इसके अतिरिक्त फसल अवशेष प्रबंधन करने हेतू बच्चों को शपथ भी दिलाई गई ।
उपायुक्त अजय सिंह तोमर के दिशा निर्देशों अनुसार गांव में निगरानी रखने हेतू टीमों का गठन किया गया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, अम्बाला की तरफ से सभी किसान भाइयों से अपील है कि गेहूं के अवशेषों में आग न लगाएं ताकि पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके और खेतों की उर्वरकता शक्ति बनी रहें।

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edited by alka rajput  

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