अंबाला कवरेज। शिक्षा नियमावली के रूल 134ए के तहत सालों से निशुल्क शिक्षा का लाभ ले रहे अभिभावकों को उस समय चिंता बढ़ गई थी, जब सरकार ने रूल 134ए को समाप्त करने की नोटिफिकेशन जारी की। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद लगातार यह सवाल उठाने लगे थे कि क्या अब स्कूलों में पहले से पढ़ रहे बच्चों को अब इसका लाभ मिल पाएगा या नहीं। रूल के आने के बाद जहां अधिकतर निजी स्कूलों ने पहले से पढ़ रहे बच्चों से फीस मांगनी शुरू कर दी थी, लेकिन इसी बीच शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर ने मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट कर दिया कि पहले से पढ़ रहे बच्चों को इसका लाभ मिलता रहेगा। साथ ही शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर ने कहा कि बच्चों को मुफ्त पढ़ाने की एवज में सरकार द्वारा पेमेंट दी जाती है और वह पेमेंट आगे भी दी जाती रहेगी। शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर के बयान के बाद यह तो साफ हो गया कि पहले से पढ़ रहे बच्चों को इसका लाभ मिलता रहेगा और ऐसे में अब सवाल यह भी है रूल को समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन में इस संबंध में कोई जिक्र नही है। मीडिया से बातचीत करते हुए शिक्षा कंवरपाल गुज्जर ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं को केवल बातें आती हैं। उन्होंने कहा कि इस रूल के तहत 25 प्रतिशत बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने अपने ही बनाए गए रूल को बदल कर 10 प्रतिशत कर दिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम बच्चों को रूल के तहत एडमिशन दिला रहे थे, लेकिन स्कूल संचालक हाईकोर्ट चले गए और वहां से उन्हें स्टे मिल गया। जिसके कारण वह एडमिशन न देने वाले स्कूल संचालकों पर कार्रवाई नहीं कर पाएं। उन्होंने कहा कि फिर भी हमारी सरकार ने पहले से ज्यादा एडमिशन दिलाए। ambala today news शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर की अभिभावकों को राहत, रूल के तहत पहले से पढ़ रहे बच्चों को मिला रहेगी मुफ्त शिक्षा का लाभ
134ए खत्म: अब निजी स्कूलों में मुफ्त एडमिशन के लिए अभिभावकों को नहीं खाने पड़ेंगे धक्के
उन्होंने कहा कि जब बच्चों के अभिभावक परेशान होने लगे और कोर्ट में मामला होने के कारण रूल को समाप्त किया। उन्होंने कहा कि वह अब आरटीई लेकर आ रहे हैं और इसके तहत 10 प्रतिशत की बजाए 25 प्रतिशत निशुल्क एडमिशन दिलाया जाएगा। यहां पर हम आपको बता दें कि हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूलर्स कांफ्रैंस के पदाधिकारियों द्वारा रूल 134ए को लेकर लगातार विरोध किया जा रहा था और सरकार पर दबाव बनाया जा रहा था कि वह आरटीई के नियमों के अनुसार रिइंसबमेंट दे। वहीं स्कूल संचालक अपनी रूकी हुई पेमेंट की भी डिमांड कर रहे थे। एचपीएससी की ओर से दाखिल किए गए केस के बाद सरकार ने स्कूल संचालकों की डिमांड को पूरा करने की बजाए, रूल को ही खत्म कर दिया। वहीं चर्चाएं यह भी हैं कि अब पहले से पढ़ रहे बच्चों को निशुल्क शिक्षा के विरोध में नोटिफिकेशन जारी होने के बाद निजी स्कूल संगठन नोटिफिकेशन के आधार पर कोर्ट जा सके हैं। ambala today news शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर की अभिभावकों को राहत, रूल के तहत पहले से पढ़ रहे बच्चों को मिला रहेगी मुफ्त शिक्षा का लाभ
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