ambala today news अगर ये कानून लागू हो गया तो किसान और उसके परिवार का ज़मीन से रिश्ता और ममता टूट जाएंगे:निर्मल सिंह

अम्बाला- किसान विरोधी 3 काले कानूनों के विरोध में हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की अगुवाई में अम्बाला शहर के डीसी कार्यालय के निकट विशाल रोष प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियाें पर आए हजारों किसानों ने भी सरकार विरोधी नारे लगाते हुए रोष प्रदर्शन किया। विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री निर्मल सिंह भाजपा सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने याद करे वो दिन जब देश में पहली बार एमएसपी लागू हुआ था और किस तरह इस कदम से किसानों को सहारा और हिम्मत मिली। आज हरियाणा, पंजाब में जहां मंडीकरण सशक्त है, किसान इतना सशक्त है कि देश की अधिकतम अनाज की उपज ये प्रदेश पैदा करते हैं I आज बिहार से 5-10 एकड़ का मालिक किसान हरियाणा पंजाब में इससे छोटे ज़मींदार के यहाँ दिहाड़ी करके अपना घर पालता है I ये अनुबंधित खेती का कानून और खुला भंडारण हर किसान को बड़ी बड़ी कंपनियों का बंधवा मज़दूर बना देगा I अगर ये कानून लागू हो गया तो किसान और उसके परिवार का ज़मीन से रिश्ता और ममता टूट जाएंगे I हाथरस में हुई दलित बेटी से दरिंदगी और उसके बाद सरकार और प्रशासन के अन्याय को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि इस मौजूदा भाजपा सरकार के अत्याचारों की आज कोई भी हद नहीं रह गई I आज हर ज़मीन से जुड़ा वर्ग, हर कमज़ोर वर्ग और व्यक्ती अपने आप को सरकार की संवेदनहीनता से प्रताड़ित महसूस कर रहा है। इसके पश्चात एचडीएफ नेत्री चित्रा सरवारा ने महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम एक ज्ञापन सीटीएम अम्बाला को सौंपा। ambala today news अगर ये कानून लागू हो गया तो किसान और उसके परिवार का ज़मीन से रिश्ता और ममता टूट जाएंगे:निर्मल सिंह  ambala today news अगर ये कानून लागू हो गया तो किसान और उसके परिवार का ज़मीन से रिश्ता और ममता टूट जाएंगे:निर्मल सिंह
चित्रा सरवारा ने कहा कि अपने हकों की लड़ाई के लिए किसान काफी समय से आंदाेलित हैं और हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट हर लड़ाई में किसानों के साथ है। संविधानिक कायदे कानूनों को ताक पर रखकर ध्वनि मत की आड़ में जिन 3 काले कानूनों को पारित किया गया है वे न तो राष्ट्रहित में है और न ही किसान हित में हैं। ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार से मांग है कि या तो इन काले कानूनों को वापिस लें या फिर किसान हित में इनमें संंशोधन करें। किसानों की यह लड़ाई लंबी चलेगी। हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट इस लड़ाई के लिए जनजागरण करने के साथ साथ हर मोर्चे पर किसानों के साथ खड़ा मिलेगा। किसानों और जनसाधारण के अधिकारों का जब भी हनन होगा, हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट सरकार के विरूद्ध जमकर मोर्चा लगाएगा। अब वक्त आ गया है या तो सरकार काले कानून को बदले या फिर लोग सरकार को बदलेंगे। इस अवसर पर मौजूद दलीप चावला बिट्‌टू ने कहा कि निजी कंपनियों को खरीद करने के लिए किसी एक इलाके में एकाधिकार ना मिले। खरीद करने की स्पर्धा में कंपनियां एक दूसरे से बेहतर फसल का रेट दें और इसका फायदा किसान को पहुंचे ना कि उल्टा की बेचने की स्पर्धा में किसान अपने माल को घाटे में बेचने को मजबूर हो। अम्बाला के सभी इलाकों से आए पंच, सरपंच और युवा एवं तजुर्बेकार लीडर और साथियों ने सरकार की नीति और नीयत की खामियों को उजागर किया और हर नागरिक, हर समाज के वर्ग को इकट्ठा होने का आव्हान किया। कहीं व्यंग से तो कहीं कड़े शब्दों में सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए गए। ambala today news अगर ये कानून लागू हो गया तो किसान और उसके परिवार का ज़मीन से रिश्ता और ममता टूट जाएंगे:निर्मल सिंह ambala today news अगर ये कानून लागू हो गया तो किसान और उसके परिवार का ज़मीन से रिश्ता और ममता टूट जाएंगे:निर्मल सिंह
हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट की मांग है कि सरकार बिल में संशोधन कर और लिखे कि एमएसपी से नीचे किसानों की फसल खरीदना गैरकानूनी हो, चाहे खरीद मंडी में हो या नए नियम के तहत कंपनी से अनुबंध पर हो। किसानों की फसल की गुणवत्ता का सर्टिफिकेट कोई तीसरी संस्था करे सरकारी हो तो बेहतर है और उसी सर्टिफिकेट पर खरीद हो। किसान की पूरी की पूरी फसल खरीदी जाये, खरीद पर कोई सीमा ना हो। किसान को अच्छा बीज, खाद और दाम दे कर उसे अधिक से अधिक पैदावार के लिए प्रोत्साहित करें। सच में भारतीय खेती और किसानों को सशक्त करें, विश्व में उसका उत्पादन भेजें ना कि हमारे किसानों की फसल सड़कों पर बिखरे और सरकार विदेश से खरीद करे। किसानों की शिकायत के निवारण के लिए सशक्त माध्यम दें, केवल स्थानीय अधिकारी उनके अधिकार और मुआवजे को सुनिश्चित नहीं करवा पाएंगे। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया है कि कृषि कानून में संशोधन करने के साथ-साथ इसे पारित करने के तरीके पर भी ज़ोर दें कि इसे वोट डाल कर पारित किया जाए, ध्वनि-मत में लोकतंत्र और संविधान की हत्या ना हो। देश के अन्नदाता और खेती से जुड़े करोड़ों व्यवसाय और परिवारों की न्याय की आखिरी उम्मीद वे हैं। इस अवसर पर अम्बाला शहर और अम्बाला छावनी, साहा, मुलाना, नारायणगढ़, जगाधरी, यमुनानगर, सढौरा, पेहवा, शाहबाद के सभी हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट के नेताओं और साथियों ने बढ़ चढ़ कर अपनी उपस्थिती दज कराई। ambala today news अगर ये कानून लागू हो गया तो किसान और उसके परिवार का ज़मीन से रिश्ता और ममता टूट जाएंगे:निर्मल सिंह ambala today news अगर ये कानून लागू हो गया तो किसान और उसके परिवार का ज़मीन से रिश्ता और ममता टूट जाएंगे:निर्मल सिंह ambala today news अगर ये कानून लागू हो गया तो किसान और उसके परिवार का ज़मीन से रिश्ता और ममता टूट जाएंगे:निर्मल सिंह

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