निगम भ्रष्टाचार की होगी जांच, कर्ण अग्रवाल सहित कई कर्मचारियों पर गंभीर आरोप, विज ने दिए जांच के आदेश

अंबाला कवरेज @ अमित अठवाल। अंबाला नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार के मामले में बेशक सालों बीत जाने के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। विनोद कुमार नाम के एक व्यक्ति ने अनिल विज को शिकायत देकर पिछले सालों में हुए नगर निगम के घोटालों की जांच करने का आग्रह किया है। फिलहाल इस मामले में अनिल विज ने गंभीरता से जांच करने के आदेश दिए हैं। यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि यदि मामले की जांच होती है तो निश्चिततौर पर निगम में काम करने वाले कई कर्मचारियों की परेशानियां बढ़ जाएंगी। अब मामला हरियाणा के स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज के दरबार में पहुंचने के बाद अंबाला शहर नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की परत दर परत खुलने की उम्मीद है।

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अनिल विज को दी शिकायत में नगर निगम अंबाला शहर में कार्यरत कर्ण अग्रवाल पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत में कहा गया कि वर्ष 2017 नगर निगम रेंट ब्रांच का इंप्रूमेंट ट्रस्ट का रिकॉर्ड गुम हो गया था। उस समय कर्ण अग्रवाल उस पोस्ट पर था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कर्ण के साथ सुरेश मिगलानी जोकि सुप्रीडेंट हैं इन दोनों ने मिलकर घोटाले गए हैं। कर्ण अग्रवाल पर रिकॉर्ड को गुम करने के आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता ने कहा कि इस मामले में बकायदा मामला दर्ज भी किया गया था। वहीं रिकॉर्ड गुम होने के बावजूद विकास विहार शॉप की रजिस्ट्रियां करने का खेल जारी है। बिना रिकॉर्ड के रजिस्ट्रियां करने का काम एक कच्चे कर्मचारी के साथ मिलकर किया जा रहा है।
शिकायतकर्ता ने अनिल विज को दी शिकायत में आरोप लगाया कि कई पोस्टों विधायक के आदमी बैठे हैं और वह बिना किसी की परवाह किए काम करते हैं। शिकायतकर्ता विनोद कुमार ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर न जाने किसके दबाव में सभी शिकायतों को अपने स्तर पर खत्म कर देते हैं। शिकायतकर्ता ने आग्रह किया कि अभी तक नगर निगम की सभी पेंडिंग इंक्वारियों की जांच करवाई जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। उन्होंने कहा कि यदि मामले की जांच होती है तो नगर निगम के कई कर्मचारी भ्रष्टाचार के खेल में उलझते नजर आएंगे।

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वहीं शिकायत में नगर निगम में हुए एक अन्य घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2016 में स्क्रैप घोटाला हुआ था। जिसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी तरह नगर निगम अंबाला शहर में एनडीसी के नाम पर भी बड़ा खेल चल रहा है। जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और जिनको एनडीसी देने की जिम्मेदारी दी गई है वह बिना सुविधा शुल्क लिए एनडीसी जारी नहीं करते। इतना ही जिसको जिम्मेदारी दी गई है उसके खिलाफ विजिलेंस इंक्वारी चल रही है और फिर भी उन्हें महत्वपूर्ण पोस्ट दी गई है। शिकायत में कहा गया कि वर्ष 2017 को ही नगर निगम का रिकॉर्ड टैक्स ब्रांच से बाहर गया था। उसकी जांच भी बाकी है और अभी तक उस मामले में भी कोई कार्रवाई नही की गई।

कई ओर भी है इंक्वारियां पेंडिंग

अंबाला नगर निगम की बात की जाए तो अंबाला नगर निगम में पिछले सालों में कई ऐसे घोटाले हुए हैं, जिनकी शिकायतें हुई। जांच का आश्वासन दिया गया, लेकिन जांच रिपोर्ट कभी नहीं आई। यदि अंबाला नगर निगम की जांच शुरू होती है तो इन घोटालों के अलावा अन्य कई बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं, जिसमें कच्चे व पक्के कर्मचारियों ने मिलकर सरकार को लाखों रुपए के रैवेन्यू का नुकसान पहुंचा। लोगों ने चैक दिए, लेकिन कर्मचारियों ने कभी चैक कैश नहीं करवाए और रिकॉर्ड उन लोगों का आॅल इज वैल हो गया।

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