Ambala Coverage News: सरकार की नई चिट्‌‌ठी से बढ़ सकती है प्राइवेट स्कूलों की परेशानी, अब देख विभागों को देना होगा जवाब

निखिल सोबती @ अंबाला। हरियाणा सरकार द्वारा निकाली गई नई चिट्‌ठी ने निजी स्कूल संचालकों की परेशानियों को बढ़ दिया है। अभी तक की बात की जाए तो स्कूल केवल शिक्षा विभाग पहली क्लास से मानता था और स्कूलों में लगने वाली इससे नीचे की क्लासें महिला एवं समाज कल्याण विभाग के अंडर आती थी। शिक्षा विभाग ने इस साल बाल वाटिका- तीन की शुरूआत करते हुए यह आदेश जारी कर दिए की, अब स्कूलों में पहली क्लास से पहले बाल वाटिका-तीन लगाई जाएगी, जिसके लिए 5 साल से कम उम्र के बच्चों को बाल वाटिका 3 में नही लिया जा सकता। सरकार के आदेशों के बाद यह तो तय है कि अब निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बाल वाटिका 3 यानि पहली क्लास से पहले चलने वाली एक क्लास की मार्किंग शिक्षा विभाग करेंगे, लेकिन वहीं दूसरी तरफ महिला एवं बाल कल्याण विभाग को दी गई पावर की बात की जाए तो उन्हें 3 साल से लेकर 6 साल तक के बच्चों वाले स्कूलों के निरीक्षण की पावर दी गई है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग के साथ साथ महिला एवं बाल विकास विभाग को भी रिकॉर्ड देना होगा।

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जुटाए तथ्यों की बात करें तो महिला एवं समाज कल्याण विभाग को प्ले वे स्कूलों को मान्यता देने की पावर दी गई है। प्ले वे स्कूलों में 3 साल से कम के बच्चे को एडमिशन नहीं दिया जा सकता। ऐसा नही की विभाग की सख्ती के बाद अंबाला में चलने वाले प्ले वे स्कूलों ने विभाग से मान्यता लेने के लिए आवेदन न किया हो, लेकिन जिन भी स्कूलों के आवेदन किया है, अभी तक स्कूलों का विभाग निरीक्षण नहीं कर पाया है। इसी बीच शिक्षा विभाग की बाल वाटिका 3 ने कही न कहीं स्कूल संचालकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उन्हें विचार करना होगा कि उनकी मार्किंग समाज कल्याण विभाग करें या फिर शिक्षा विभाग। वैसे तो शिक्षा विभाग ने भी बाल वाटिका 3 के नाम पर बकायदा एमआईएस पोटर्ल पर भी क्लास बना दी है, लेकिन वहीं महिला एवं समाज कल्याण विभाग के अधिकारी करते हैं कि जहां पर भी तीन साल से लेकर 6 साल तक के बच्चे हैं, वहां पर हम चैकिंग के लिए जा सकते हैं और रिकॉर्ड भी मांग सकते हैं। अब देखना यह होगा कि दाे विभागों के बीच में उलझे निजी स्कूल संचालकों का अगला कदम क्या होगा।

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