ambala today news हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करना आसान है क्योंकि हरियाणा में शिक्षा से सम्बन्धित सभी ढांचागत सुविधाएं पहले से ही सुदृढ़

चंडीगढ़।  हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी है, ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व शिक्षाविदों का आहवान किया कि वे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रभावी व त्वरित गति से लागू करने में पहल करें। नई नीति देश और प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में बेहतर बदलाव लाने के साथ-साथ युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने पर लक्षित है। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य यहां हरियाणा राजभवन में हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित डिजिटल कॉन्कलेव में कुलपति व शिक्षाविदों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत से जुड़े लोग नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में जबावदेही के साथ अपनी जिम्मेवारी निभाएंगे तो निश्चत रूप से भारत के नव-निर्माण की प्रक्रिया में देश को अच्छे विद्यार्थी व्यवसायी और अच्छे नागरिक मिलेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा का मूल उद्देश्य कौशल, तकनीकी ज्ञान और विशेषज्ञता के साथ अच्छे नागरिक तैयार करना है। हरियाणा प्रदेश में तो नई शिक्षा नीति को लागू करना आसान है क्योंकि हरियाणा में शिक्षा से सम्बन्धित सभी ढांचागत सुविधाएं पहले से ही सुदृढ़ हंै। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति और भविष्य का आधार मजबूत शिक्षा तंत्र ही होता है। इसी उद्देश्य से 34 वर्ष के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तैयार की गई है। यह शिक्षा नीति भारत के नव-निर्माण की आधारशिला बनेगी। इस शिक्षा नीति में देश के 130 करोड़ से अधिक लोगों की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अनुसन्धान, नए अन्वेषणों तथा रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों को लगातार तीव्रता प्रदान करने के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के लिए रखा गया है। इससे निश्चित रूप से भविष्य में देश में शिक्षा से सम्बन्धित ढांचागत सुविधाएं सुदृढ़ होगी। राज्यपाल ने कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में पहले एक भेड़चाल थी। सभी लोगों में देखा-देखी अपने बच्चों को डॉक्टर, वकील, इंजीनियर बनाने की होड लगी रहती थी, लेकिन अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को राष्ट्रीय निर्माण और रचनात्मक शिक्षा का स्वरूप दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अध्यापक के स्वाभिमान का भी ध्यान रखा गया है। एक तरफ जहां विद्यार्थियों को स्थानीय पहलुओं से लेकर विश्व स्तरीय प्रणाली से जोड़ा गया है, वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों के स्तर को बढ़ाने के लिए भी प्रशिक्षण आदि का विशेष प्रावधान किया गया है।

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हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अनुसार रोचक विषयों के अध्ययन से हमारे विद्यार्थी विभिन्न विषयों में पारंगत होंगे। इन विद्यार्थियों की प्रतिभा का लाभ देश को ही मिलेगा। इससे ब्रेन-ड्रेन को लगाम लगेगी। नई शिक्षा नीति पूरी तरह से रोजगारोन्मुखी होगी। यहां तक कि उच्चतर व उच्च शिक्षा में कौशल निपुणता को अनिवार्य किया गया है। उन्होंने चार दिवसीय कॉन्क्लेव में सभी शिक्षाविदों को बधाई दी। डिजिटल कॉन्क्लेव में राज्यपाल की सचिव डा० जी.अनुपमा ने कहा कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा तंत्र मजबूत होगा। इस शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में विभिन्न बिंदुओं पर काम करना होगा तभी नई शिक्षा नीति प्रभावी तरीके से लागू होगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों से लेकर बड़े विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थाओं तक प्रभावी ढंग से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से आमजन में भारतीयता की भावना बढ़ेगी। चार दिन तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव के संयोजक व हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बी.के कुठियाला ने नई शिक्षा नीति को युगानुकूल और देशानुकूल बताया। उन्होनें कहा कि इस शिक्षा नीति में प्राचीन परंपराओं का ध्यान में रखते हुए पुरातन व नये नित्य का समावेश किया गया है। उन्होंने भी सभी शिक्षाविदों से अपील की कि वे पूरे दायित्व के साथ इस नीति का क्रियान्वयन करें। इस डिजिटल कॉन्क्लेव का समापन कार्यक्रम 21 अगस्त को राजभवन में आयोजित होगा, जिसमें सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति व शिक्षाविद भाग लेंगे।

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