अंबाला (धर्मवीर सिंह)। हरियाणा सरकार द्वारा किसानों विरोधी लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सडकों पर उतरा किसान ने काले झंडे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और अंबाला हिसार हाइवे पर गांव बलाना के समीप धरना दिया। इस दौरान किसान अपने ट्रेक्टरों पर सवार होकर आए और हाइवे करीब दो किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। इस दौरान किसानों ने काले झंडे लगाए हुए थे और सरकार के खिलाफ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के ग्रामीण प्रधान जय सिंह ने किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता में किसानों को राहत देने और फसल के दाम दुगना करने का आश्वासन देकर आई थी, लेकिन वर्तमान में किसानों की मंडियों को खत्म कर किसानों को परेशान किया जा रहा है। इस दौरान किसान यूनियन नेताओं व किसानों ने काले झंडे लगाकर विरोध जताया और मौके पर पहुंची एसडीएम गौरी मिड्डा के माध्यम से देश के पीएम नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन दिया और साफ कर दिया कि यदि सरकार ने किसान विरोधी अध्यादेश को वापस नहीं लिया तो किसान संघर्ष ओर तेज करेंगे।
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किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान मलकीत सिंह ने कहा कि सरकार ने इस कोरोना महामारी के दौरान किसान विरोधी अध्यादेश लाकर सरकार किसानों को बर्बाद करने का काम कर रही है। देश के पीएम नरेंद्र मोदी के नाम दिए गए ज्ञापन में किसान नेताओं ने कहा कि सरकार पहले व्यापारियों व पंूजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडियों को छोड़कर सीधा किसानों से खरीद करने की बात कर रही है। जिससे मंडियों में काम करने वाले मजदूर, मुंशी व आढ़ती बर्बाद हो जाएंगे। उन्होेंने कहा कि मंडियां बंद होने से पंूजीपति व कंपनियां किसानों से फसल खरीदकर स्टॉक करेगी और बाद में महंंगे दामों पर बेचेंगी। वहीं सरकार ने फसलों का न्यूनतम मूल्य भी खत्म कर दिया है, जिसके कारण किसानों को उनकी फसल का सही दाम नहीं मिलेगा और वह बर्बाद हो जाएंगे। किसानों ने कहा कि इससे पहले बिहार ऐसे फैसले ले चुका है, लेकिन बाद में उन्हें अपने फैसले बदलने पड़े। उन्होंने कहा कि सडकों पर उतरा किसान इस बात का प्रतीत है कि वह एकजुट है।
इसी तरह भारतीय किसान यूनियन के ग्रामीण प्रधान जय सिंह ने कहा कि सरकार ने तीन काले कानून किसानों और मजदूरों के लिए तैयार किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार एमएसपी रेट खत्म करने जा रही है। वहीं अध्यादेश के अनुसार सरकार ने आलू, प्याज, दलहन, तिलहन आदि भंडारण पर लगी रोक को हटा लिया है। जिसके बाद अब स्टॉक करने की कोई सीमा नहीं। इससे किसानों ही को ही नहीं बल्कि बड़ी कंपनियों को ही फायदा होगा और अदानी व अंबानी जैसे पूंजीपति लोग सामान का स्टॉक करेंगे और कालाबाजारी को बढ़ावा देंगे। किसानों ने कहा कि देश का 80 प्रतिशत किसान लघु किसान हे और वह भंडारण नहीं कर सकता। ऐसे में कालाबाजारी बढ़ेगी और छूट का लाभ केवल पूंजीपति ले पाएंगे।
समृद्ध हरियाणा-खुशहाल किसान@mlkhattar
किसानों के समृद्धि के लिए केंद्र सरकार लाई दो अध्यादेश:
1. ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020’
2. ‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020’ pic.twitter.com/qWvj3ohjxJ— DPR Haryana (@DiprHaryana) July 20, 2020
वहीं किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने तीसरा अध्यादेश यह लाए कि किसान कॉंट्रेक्ट फार्मिंग करेंगे। जिसका सीधा मतलब यह है कि किसान कंपनियां किसानों के साथ समझौता करेगी और खेती करवाएगी। ऐसा में किसान अपनी जमीन पर ही मजदूरों की तरह काम करेगा। ऐसे में किसान का वजूद खत्म होकर रह जाएगा। साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि डीजल के दामों में वृद्धि करके सरकार ने किसानों को बर्बाद करने का काम किया है और यदि सरकार ने फैसलों को वापस नहीं लिया, तो किसान अपना आंदोलन तेज करेंगे।