प्राथमिक जांच में अधिकारियों का वोहरा आई अस्पताल संचालक को बचाने का प्रयास, शिकायतकर्ता बोले रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं

-सीएमओ बोले, शिकायतकर्ता ने कई कमियों को उजागर किया, अब डिस्ट्रिक गिरवैंसिज रिटेस सिस्टम में रखा जाएगा, सीएम विंडो पर आई शिकायत को अधिकारियों ने गोलमाल कर डिस्पोज आॅफ करने का किया प्रयास

अंबाला कवरेज @ शिल्पी कंबोज/अमित अठवाल। केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत बेशक गरीबों के लिए बड़ी राहत पहुंचाने का काम कर रही हो, लेकिन अंबाला कैंट में बने वोहरा आई अस्पताल के संचालक नियमों को ताक पर रखकर इलाज करते हुए योजना से मुनाफा कमाने में लगा है। हालात यह रहे कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की और सीधेतौर पर वोहरा आई अस्पताल संचालक को बचाने का प्रयास किया, लेकिन शिकायतकर्ता ने की गई जांच पर असंतुष्टि जाहिर की, जिसके बाद सीएमओ ने इस मामले को डिस्ट्रिक गिरवैंसिज रिटेस सिस्टम में रखने की बात कही है। फिलहाल इस मामले में अस्पताल संचालक रवि वोहरा का तर्क कुछ भी रहे, लेकिन यह पूरी तरह साफ है कि मामले की जांच हुई तो अस्पताल संचालक की परेशानियां बढ़ सकती हैं।

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स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिकायत पर की गई जांच के बाद यह पूरी तरह साफ है कि कहीं न कही जांच में नर्मी दिखाई गई है। जांच में कई ऐसे बिंदू है, जिसपर सवाल खड़े होते हैं। जांच में यह बात प्रमाणित होती है कि अंबाला कैंट वोहरा आई अस्पताल के संचालक की तरफ से मरीज से टेस्ट के नाम पर रुपए लिए गए। इसी तरह अस्पताल संचालक द्वारा जो दवाईयां सैंपल दिए गए है वह भी नियमों को ताक पर रखकर दिए गए। जांच रिपोर्ट में बकायदा यह भी जिक्र किया गया है कि वोहरा आई अस्पताल संचालक मरीज से लिए गए 500 रुपए लौटाने के लिए तैयार हैं, लेकिन सवाल यह है कि सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत में नियमों को ताक पर रखने वाले अस्पताल संचालक पर विभाग कार्रवाई करने को क्यों तैयार नहीं।

Ambala Coverage News : शिकायतकर्ता का आरोप, वोहरा आई अस्पताल ने आयुष्मान योजना के तहत दिखाया फर्जी एडमिशन, टैक्स के पैसे भी वसूले

सीएमओ राकेश सहगल ने कहा होगी पूरी जांच

सीएमओ राकेश सहगल ने अंबाला कवरेज टीम से बात करते हुए कई बिंदूओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच की गई थी और शिकायतकर्ता को रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसपर वह असंतुष्ट है। इस मामले को लेकर अधिकारियों से बात करने के बाद डिस्ट्रिक गिरवैंसिज रिटेस सिस्टम में रखा जाएगा और निश्चिततौर पर प्राथमिक जांच में वोहरा आई अस्पताल में अनियमितताएं मिली है और जांच पूरी होने के बाद भी आगे के आदेश जारी किए जाएंगे। साथ ही सीएमओ ने कहा कि यदि किसी अन्य व्यक्ति को भी वहां से कोई प्रोब्लम आई है और वह शिकायत करता है तो जांच करवाई जाएगी।

आखिर क्या है पूरा मामला, पढ़िए

अंबाला कैंट नन्हेड़ा के रहने वाले विशाल मल्होत्रा ने सीएम विंडो पर शिकायत देते हुए वोहरा आई अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए हैं। शिकायत ने कहा कि वह अपनी आंख की जांच करवाने के लिए अस्पताल गया था और 14 मार्च 2024 को उसे अंबाला कैंट में बने वोहरा आई अस्पताल में दाखिल कर लिया गया और जरूरी दवाईयां डालने के बाद उसे 14 मार्च 2024 को ही दोपहर 3 बजे घर वापस भेज दिया गया। प्रभावित विशाल मल्होत्रा ने बताया कि 15 मार्च 2024 को उसे बुलाया गया और उसकी आंखों की पट्टी खोली गई। जिसके बाद उससे कुछ कागजों पर साइन करवाए गए। प्रभावित विशाल मल्होत्रा का आरोप है कि वह 15 मार्च 2024 को जब घर वापस आया तो उसने दस्तावेजों की जांच की तो वह हैरान हो गया। वोहरा आई अस्पताल के डॉक्टरों कागजों में उसे 14 मार्च को दाखिल दिखाया और 15 मार्च को उसका डिस्चार्ज दिखाया। जानकारी हासिल करने पर पता चला कि आयुष्मान कार्ड का लाभ केवल उस स्थिति में मिल सकता है जब व्यक्ति को 24 घंटे दाखिल दिया गया हो। ऐसे में वोहरा आई अस्पताल ने योजना के तहत पेमेंट लेने के लिए नियमों की अनदेखी की और मुझे दाखिल किए बिना फर्जी दाखिला दिखाया। इसके साथ प्रभावित ने कहा कि दवाईयों की जांच करने पर पाया गया कि जिन दवाईयों को देने का जिक्र डिस्चार्ज स्लिप पर किया गया है, वह दवाईयां उसे दी ही नहीं गई। इतना ही नहीं जो उसे दवाईयां दी गई वह भी सैंपल दवाईयां थी। इस संबंध में जब अस्पताल में जाकर उसने बात करनी चाहिए तो अस्पताल स्टाफ ने कहा कि यदि लिखी हुई दवाईयां चाहिए तो रुपए देने होंगे। इतना ही नहीं अस्पताल स्टाफ ने टेस्ट के नाम पर उससे 500 रुपए भी लिए।

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